मेरे अज़ीज़ अहबाब आज में आपकी खिदमतमे एक नग़मा पेश करने जरहाहूँ जो महाभारतवाली उत्तरा(वर्षा उसगाओंकर )नृत्यके समय गाती है ” मनवा मधुर मधुर कछु बोल “इसी ढंगसे और भक्त कवि सुरदासके भजन “नाथ कैसे गजको बंध छुड़ाओ “इस क़दर भी गाया जासकेगा जैसी गायक कलाकारकी मर्ज़ी
संतो भाई समय बड़ा हरजाई . समयसे कौन बड़ा मेरे भाई
संतो भाई समय बड़ा हरजाई। ….१
राम अरु लछमन बनबन भटके संगमे जानकी माई
कंचन मृगके पीछे दौड़े सीता हरण कराई। ..संतोभाई २
सुवर्ण मयी लंका रावणकी जाको समंदर खाई
दस मस्तक बीस भुजा कटाई इज़्ज़त खाक मिलाई ….संतोभाई ,,,३
राजा युधिष्ठिर द्यूत क्रीडामे हारे अपने भाई
राज्यासन धन संपत्ति हारे द्रौपदी वस्त्र हराई। …संतोभाई ,,,४
योगेश्वरने गोपीगणको भावसे दिनी विदाई
बावजूद अर्जुन था रक्षक बनमे गोपी लुंटाई …संतोभाई। ..५
जलारामकी परीक्षा करने प्रभु आये वरदायी
साधू जनकी सेवा करने पत्नी दिनी वीरबाई। ..संतोभाई। ..६
आज़ादिके लिए बापूने अहिंसक लढत चलाई
ऐसे बापूके सीने पर हिंसाने गोली चलाई …संतोभाई। ..७
देशिंगा दरबार नवरंगसे गदा निराश न जाइ
समा पलटा जब उस नवरंगका बस्तीसे भिक मंगाई …संतोभाई …८
विक्रमके दादाकी तनखा माहकी बारा रुपाई

विक्रम खुद्की एक मिनिटकि बढ़कर बारा रुपाई। .. संतोभाई। ..९
तान्याकी ग्रेट ग्रैंड मधरथी नामकी झवेर बाई

हज़ारो नग़मे उनकी जुबां पर कैसे हो हरी फाई ,,,संतोभाई ….१०
पानी भरकर बर्तन सरपर दौड़की हुई हरिफाई

जवां लड़कियां पीछे रह गई भानु पहली आई …संतोहाई। .११
पानीका झग़डा पोलिस लाईन में होताथा मेरे भाई

दलपतरामने भानुमतिकी मलसे डॉल हटाई …संतोभाई। .१२
रणचंडी बन भानुमतीने अपनी डॉल उठाई

दलपतरामके सरमे ठोंकी लहू लुहान हो जाइ। ..संतोहाई। ..१३
अब वो भानु चल नही सकती निर्बल होती जाइ
अपने हाथो खा नही सकती कोई खिलावेतो खाई …संतोभाई १४
दो हज़ार सात अगस्तकी जब दूसरी तारीख आई
इस फानी दुनियाको ंछोड़के भानुने लीनी विदाई ..संतोभाई ..१५
भानुमति जब स्वर्ग गई तब उदासीनता छाई

गोरी लड़की आन मिली जब मायूसी चली जाइ। ..संतोभाई। ..१६
नंगे पैर बकरियां चराई कॉलेज डिग्री पाई
कोलगेटने उसकी कला परख कर नई नई शोध कराई …संतोभाई ,,,१७
इक गुजराती पटेल सपुतने श्रीजीसे माया लगाई
श्रीजी नाके ह्रदय बिराजे तब कई मंदर बनजाई ,,,संतो भाई …१८
प्रभाशंकर जोशी उम्रमे छोटा था वो मेरा भाई
कठिन समस्या हल करके वो अफ्रीका अमेरिका जाइ …संतोभाई …१९
गोरधन भाई पोपटने इक दिन सिहँन मार गिराई
अब गोर्धनभाई निर्बल हो गए मख्खी न मारी जाइ …संतो भाई .. २०
सुन्नी सद्दाम हुसैनको इक दिन समयने गद्दी दिलाई
कुरदशियाको मार दिए जब समयने फांसी दिलाई। .संतोभाई …२१
स्टेशन उपर नरेंद्र मोदी बेचता था वो चाई
समयने उसको साथ दिया जब वडा प्रधान हो जाइ …संतो भाई २२
भगवन एक्टरने अपनी अलबेला मूवी बनाई
नाम कमाया दाम कमाया अंत करुण हो जाइ संतो भाई ….२३
पापी जनका पाप धोनेको स्वर्गसे गंगा आई
वोहीगंगा खुद मैली हो गई कौन करेगा सफाई ….संतोभाई २४
देख तपस्या विश्वमित्रकी इन्द्रको ईर्षा आई
इन्द्रने भेजी अप्सरा मेनका तपस्या भंग हो जाइ। …संतोभाई २५
ऋतुमती मेनका ऋषिको भेटि जोरसे बाथ भिड़ाई
मेनका ऋषि विश्व मित्रसे गर्भवती हो जाइ …संतोभाई। .२६
शकुन्तलाका जन्म हुवा तब ऋषिको देने आई
ऋषीने साफ ईन्कार किया तब कण्व मुनिके पास जाइ। …संतोभाई २७
छोटी शकुंतला कण्व मुनिके आश्रममे जब आई
कामधेनुका दूध पि करके जल्द जवां हो जाइ। ..संतोभाई। ..२८
अप्सराकी आशासे बुढा तपस्या करने जाइ
अप्सरा न आई ठंडी आई सख्त जुकाम हो जाइ ..संतो भाई २९
जबतक रो दुनियामे ज़िंदा: काम करो मेरे भाई
इतना ज्यादा : काम न करना काम तुझे खा जाइ। ..संतो भाई ३०
घरमे बैठके लिखता पढ़ता यार्डमे करता सफाई
सुरेश जनिन उसकी कलाको जग मशहूर करवाई ..संतोभाई ..३१
लिखना पढ़ना काव्य बनाना येतो है चतुराई
काम क्रोध अरु मन बैश करना अति कठिन मेरे भाई ..संतोभाई ३२
समदरको मीठा करदेना काम कठिन संतो साईं
अपने आपको मीठा करनेमे है अति कठिनाई …संतोभाई। .३३
प्रेमका रस्ता बहुत कठिन है पूरा न होने पाई
फंस गया मजनू घोर जंगलमे फरहाद न परबत लाइ संतोभाई ३४
ग्रीस देशके सिकन्दरको समयने जीत करवाई
जब वो गयाथा छोड़के दुनिया खाली हाथों जाई …संतोभाई ३५
गर्भमे था जब तू माताके रक्षा करती माई
बीबी बच्चे पैदा हुवे तब माको दिनी विदाई ..संतोभाई ..३६
भक्ति इक दिन काम आएगी बात अच्छी बतलाई ..
विवश होक मरते देखे काम न आई भक्ताई ..संतोभाई ,,३७
भगवान एक्टरने अपनी अलबेला मूवी बनाई
नाम कमाया दाम कमाया अंत करूँ होजाई …संतो भाई ..३८
चड़स शराबकी बुरी नादात नही जल्दीन छूटी जाइ
उसका संग करने वालोको ज़ल्द क़ज़ा ले जाई …संतोभाई। .३९
अच्छे काम करो दुनियामे इच्छो सबकी भलाई
होसके उतनी मदद करो तुम छोडो दिलकी बुराई। ..संतोभाई .४०
निहाँ रख अपने लुत्फ्को बाबा किसे न कहो हरषाई
हासीदतो जल जाएंगे लेकिन तुझको देंगे जलाई ..संतो भाई ..४१
बैठ जातीथी आगोशमे मेरे लब पे लब लगाई
दाढ़ी मुछकी देख सफेदी भागी मुंह मचकोड़ाई …संतो भाई ..४२
ग़रज़के दोस्तों हो जाते है ग़रज़ पते चले जाइ
सच्चा दोस्तजो होगा अपना साथ न छोड़े भाई ..संतोभाई ..४३
प्रेमका तंतु अति नाजुक है मत तोड़ो झटकाई
टूटनेसे फिर जुड़ता नही है जुड़े तो गांठ रह जाई। ..संतोभाई ..४४
शेरको दंडवत प्रणाम करे और चूहा डराने जाइ
ऐसे भी इन्सान होते है लोमड़ी जैसेभाई। .संतोभाई ..४५
पतिवृता पहने टूटे वस्तर वैश्या सुभट सोहाई
दूध बेचनको घरघर भटके बैठे मद्य बिकाई ..संतोभाई ..४६
काले कर्म तूने बहुत किए है जब थे बाल काषाई
अब तुझे सुधर जाना होगा केशने सफेदी दिखाई..संतोभाई ४७
नंगा भूका सो रहताथा जब थी तुझे गरीबाई
अब वो दिन तेरे पलट चुके है मत करना कँजूसाई ..संतो भाई ४८
सबलमो सब कोई सहाय करत है निर्बलको न सहाई
पवन झगावत अगन ज्वाला दीपक देत बुझाई ..संतोभाई ४९
कंप्यूटरमें लिखताथा तीन भाषामे कविता बनाई
गिरपड़ा सीमेंट कोंक्रीट ऊपर हिपकी हड्डी टूट जाई .. संतोभाई .५०
प्रभाशंकर जोशी उम्रमे छोटा था वो मेरा भाई
कठिन समस्या हल करके वो अफ्रीका अमेरिका जाई …संतोभाई ..५१
गोर्धनभाई पोपटने इक दिन सिहंन मार गिराई
अब गोरधन भाई निर्बल हो गए मख्खी न मारी जाई। .संतोभाई ५२
बग़ैर मेरी मर्जीके यहाँ हयात मुझे ले आई
न होगी मेरी इच्छा फिरभी इक दिन क़ज़ा ले जाई ..संतोभाई ..५३
पराधीनको सुख नही मिलता याद रख्खो मेरे भाई
चन्द्र शंकरके सरपर रहता पतला होता जाई ;; संतोभाई ..५४
चित्ता मुर्दा मानव देहको आगमे डाल जलाई
चिंता ज़िंदा जिस्म बशरको धीरे धीरे जलाई ..संतोभाई ५५
बेर बबुलकी झड़ी के बीच सोने वाला आताई
वोही “आताई” अमरीका आया देखो कैसी जमाई ..संतोभाई ‘५६
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समय बड़ा बलवान
टिक ना सका इसके आगे, बड़े से बड़ा धनवान………………
समय बीत जाने पर, तुम बहुत पछताओगे
इतना अच्छा समय भला, तुम दोबारा कब पाओगे
समय बीत जाने पर इंसान बहुत पछताता है………………
व्यर्थ बिताया गया समय, भला कौन कहाँ कब पाता है
जो नहीं पहचानते हैं समय का मोल………………
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सबसे आगे बढ़ना है तो, समय के महत्व को पहचानो
और बढ़ाओ और अपना मान……………….
समय नहीं रुकता
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चूका हुआ समय कभी वापस नहीं आता है भाई
जो समय को बर्बाद करते हैं, उनका जीवन हो जाता है दुखदाई
जो छात्र इसे चूक जाते हैं, वे बहुत पछताते हैं भाई
जो कृषक इसे चूक जाते हैं भाई, वे भूखों मरते हैं भाई
जो नरपति इसे चूक जाते हैं, वे भिखमंगे होते भाई
जो इसे नहीं चूकते हैं इसको, वे ही खुश होते हैं भाई
समय का उपयोग करने वाले, कमाल कर जाते हैं भाई
जो गरीब इसका उपयोग करते हैं, वे अमीर बन जाते हैं भाई
जो छात्र इसको नहीं चूकते हैं, वे सफलता की नई कहानी लिखते हैं भाई
जो कृषक न चूकते हैं इसको, अन्न से उनके घर भर जाते हैं भाई
जिनको जीवन की रीत पता है, वे कभी अपना समय नहीं गंवाते हैं भाई
इसलिए याद रखो… हर कोई प्रतीक्षा करता है, पर समय इंतजार नहीं करता है भाई
– डॉ नारायण मिश्रा