खुदाका शुक्र है वरना गुजरती कैसे शाम ; शराब जिसने बनाई है उसको मेरा सलाम

न हरममे न सुकूँ मिलता है बुतखाने में   , चैन  तो मिलता है  साक़ी  तेरे मयखानेमे
में मेरा बनाया हुवा गीत और मेरा  अनुभव लिखता हुँ तो शायद अपने दोस्तोंको लगे के  में अपनी बड़ाई करता हुँ  . दर  असल  मुझमे बड़ाई हैही नही   तो आज में आपको  नाज़ां  सोलपुरीकी बनाई हुई  क़व्वाली  अज़ीज़ नाज़ां  केआवाज़मे  सुननेको मिलती है  वो   में      आपको पढ़नेके लिए पेश करता हुँ  हो सकता है की वो अधूरी भी हो  . तो आप महेरबानी करके दर गुज़र करना   . शुक्रिया   .
आज अंगूरकी बेटीसे मुहब्बत करले  शेख साहबकी नसीयतसे   बग़ावत  करले
इसकी बेटीने उठा रखी है  सरपर दुनिया   , येतो अच्छका हुवा अंगूरको बेटा न हुवा
कमसेकम  दूरसे साकीका नज़ारा करले  आके मयखानेमे जीनेका सहारा करले
आँख मिलतेही जवानिका मज़ा आएगा  पीटो अंगूरके पानीका मज़ा आएगा
मौसम गुल्मी तो पीनेका मज़ा आता है  ,   पिने वालोहिको  जिनका मज़ा  आता है
आ इधर  झुमके  साकीका लेके नाम उठा  , देख वो अब्र उठा  तुभी ज़रा जाम उठा
पिने वाला तुझे  आ जाएगा पीनेका मज़ा  , इसके हर घुँटमे  पोशीदा है जीनेका मज़ा
इसको पीनेसे  तबियतमें  रवानी आए इसको बुढ़ाभी जो पीले तो जवानी आये
इसके हर क़तरेमे नाजाँ निहाँ  दरिया दिली  इसको पीनेसे अदा होती है इक ज़िंदादिली   .

 

15 responses to “खुदाका शुक्र है वरना गुजरती कैसे शाम ; शराब जिसने बनाई है उसको मेरा सलाम

  1. pravinshastri ફેબ્રુવારી 3, 2016 પર 9:14 પી એમ(pm)

    આ આતાની વાતમાં ભેરવાઈ જઈને શાયરી કરવા માટે કોઈ ઢીચવા ન માડતાં. આતા તો દૂધ કે ચા કોફી પણ પીતા નથી. નશા વગર જ શાયરીઓ માણે છે. એમની બગલમાં છોકરી જોઈને તમે પણ ફોટૉ પડાવવા છોકરી શોધવા ના જતા. માર ખાશો.

    • aataawaani ફેબ્રુવારી 4, 2016 પર 7:26 એ એમ (am)

      गई दिसम्बरनी बीजी तारीखे देविड्नी वाइफनी पार्टी हती ,अमो रेड लोपस्टार रेस्टोरमा गया . मारा सिवाय बधाए रेड लाप्टर धराईने खाधो . देविड्नु फेमिली बहु धीमी गतिए शाकाहार तरफ आगळ वधि रह्यु छे . मारी देखा देखिथि पार्टीमा देविड्नी सासुनि माँ ६८ वरसनी छे पण लाकडीना टेका वगर चाली नथी शक्ति .
      अही देवीदे एक पिरसनारी छोकरीने जोइने मने कीधु आ छोकरी साथे तमारे फोटो पड़ाववो छे ? में कीधु रेस्तोराना मालिकने कदाच न गमे एटले छोकरी कदाच ना पाड़ी दये . डेविड कहे इ तमारी दाढ़ी सामू जोया करे छे एटले ते तमारी साथे फोटो पड़ाववानी ना नही कहे . देवीदे पुच्छ्युँ छोकरी ए बहु राजी थईने हां पाड़ी . आ फोटो तमने हुँ देखाडिस .

      • pravinshastri ફેબ્રુવારી 4, 2016 પર 9:34 એ એમ (am)

        દાઢીના ફાયદા જોઈને મને પણ હવે દાઢી વધારવાનું મન થાય છે. બ્લેડ સાબુના પૈસા બચે, પણ ઘરમાંથી ના કહે છે. કદાચ છોકરીઓ મારી સાથે ફોટા પડાવવા તૈયાર થાય એ ઘમાં કોઈને મંજૂર નથી.

        • aataawaani ફેબ્રુવારી 19, 2016 પર 7:42 પી એમ(pm)

          પ્રિય પ્રવીણ કાન્ત શાસ્ત્રી ભાઈ
          મારી પ્રેમાળ ઘરવાળી સ્વર્ગે ગઈ એટલે મને રોકટોક કરનારું રહ્યું નહી એટલે છોકરીયો સાથે ફોટા પડાવું કે વાયગ્રા ખાઈને ભેગો સુ ઈ જાઉં ‘
          शादी करनेकी जो मुझसे होगईथी भूल

          शादीके पहले बाज था फिर हो गया बुल बुल
          बीबी गई उक़बा उसे इक साल होगया
          बुल बुल चमनसे निकलके फिर बाज हो गया

  2. NAREN ફેબ્રુવારી 4, 2016 પર 12:26 એ એમ (am)

    बहोत खूब सही फरमाया जनाब

    • aataawaani ફેબ્રુવારી 4, 2016 પર 7:27 એ એમ (am)

      गई दिसम्बरनी बीजी तारीखे देविड्नी वाइफनी पार्टी हती ,अमो रेड लोपस्टार रेस्टोरमा गया . मारा सिवाय बधाए रेड लाप्टर धराईने खाधो . देविड्नु फेमिली बहु धीमी गतिए शाकाहार तरफ आगळ वधि रह्यु छे . मारी देखा देखिथि पार्टीमा देविड्नी सासुनि माँ ६८ वरसनी छे पण लाकडीना टेका वगर चाली नथी शक्ति .
      अही देवीदे एक पिरसनारी छोकरीने जोइने मने कीधु आ छोकरी साथे तमारे फोटो पड़ाववो छे ? में कीधु रेस्तोराना मालिकने कदाच न गमे एटले छोकरी कदाच ना पाड़ी दये . डेविड कहे इ तमारी दाढ़ी सामू जोया करे छे एटले ते तमारी साथे फोटो पड़ाववानी ना नही कहे . देवीदे पुच्छ्युँ छोकरी ए बहु राजी थईने हां पाड़ी . आ फोटो तमने हुँ देखाडिस .

    • aataawaani ફેબ્રુવારી 4, 2016 પર 7:51 એ એમ (am)

      प्रिय नरेन भाई आपका में शुक्र गुज़ार हुँ . धन्यवाद

  3. pragnaju ફેબ્રુવારી 4, 2016 પર 4:57 એ એમ (am)

    شکریہ.
    آج انگور کی بیٹی سے محبت کر لے شیخ صاحب کی نسييت سے بغاوت کرلے
    اس بےٹينے اٹھا رکھی ہے سرپر دنیا، يےتو اچچھكا هوا اگوركو بیٹا نہ هوا
    كمسےكم دورسے ساكيكا نظارہ کرلے آکے ميكھانےمے جينےكا سہارا کرلے
    آنکھ ملتےهي جوانكا لطف اندوز ہوں گے پيٹو اگوركے پانيكا لطف اندوز ہوں گے
    موسم گلمي تو پينےكا مزہ آتا ہے، پنے والوهكو جن مزہ آتا ہے
    آ ادھر بالیاں ساكيكا لیکے نام اٹھا، دیکھ وہ ابر اٹھا تبھي ذرا جام اٹھا
    پنے والا تجھے آ جائے گا پينےكا مزہ، اس کے ہر گھٹمے پوشیدہ ہے جينےكا مزہ
    اس کو پينےسے تبيتمے روانی آئے اس کو بڑھابھي جس میں پیلے رنگ تو جوانی آئے
    اس کے ہر قترےمے ناجا نها دریا دلی اسکو پينےسے ادا ہوتی ہے اک زندہ دلی

  4. રીતેશ મોકાસણા ફેબ્રુવારી 4, 2016 પર 6:37 એ એમ (am)

    આતા,
    ટાઈમ મળ્યે તમારું આવું બધું લખાણ હું એક ફાઈલમાં કલેક્ટ કરીશ, પછી તમને સોફ્ટ કોપી મોકલી આપીશ.

आपके जैसे दोस्तों मेरा होसला बढ़ाते हो .मै जो कुछ हु, ये आपके जैसे दोस्तोकी बदोलत हु, .......आता अताई

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