Daily Archives: ડિસેમ્બર 6, 2015

સન્નારીની સ્તુતિ (પ્રશંશા ) ઉર્દુ ભાષામાં

मुसीबतमे  हर इन्सां को  इलाही याद आता है
माशूक़ तू याद आती है  मुझे जब ग़म सताता है  १
निगाहे नाज़  तेरी देख दिल खुरसँद  होता है
पिताहूँ  याद कर तुझको  पानी अक्सीर होता है  ….२
तेरी तिरछी नज़रको देख दिल गुदाज होता है
जैसे आतिषपे रख्खा मोम मुलायम  होही जाता है ,,,,३
परीशां  ज़ुल्फ़क़ी  सायामें  मुझको लुत्फ़  आता है
जब आबे गुलगूँ देती हो सुरूर तब आहि जाता है    ४
तबस्सुम  देख कर तेरा मसर्रत  आहि जाता है
तेरी क़ातिल  अदाएं पर दिल  क़ुर्बान  होता है    ५
तू है इक नाज़नीं औरत तेरा रूप हूरसा  लगता है
“आताई” देख कर  तुझको तसद्दुक  होही जाता है    ६
इलाही = परमेश्वर  ///माशूक़ = प्रेमिका ///गम =  दू :ख  , चिंता
निगाहे नाज़ = चंचल दृष्टी  ///मसरूर =प्रसंन //अक्सीर =रामबाण  सचोट
गुदाज =नरम  , ढीला ///मोम= मी ण // परीशॉ ज़ुल्फ़  =अव्यवस्थित  बाल
आबेगुलगू = लाल रंगका शराब ///सुरूर हल्का नशा///    तबस्सुम = स्मित  ,smile
मसर्रत = प्रसन्न्ता  ///अदा = हाव भाव ///नाज़नीन = कोमलांगी  , अति सुंदर
हूर = अप्सरा ///तसद्दुक = बलिदान आपवा माटे तैयार