Daily Archives: મે 20, 2015

ek bhajn aapki khdmatme pesh krtaa hu एक भजन आपकी खिदमतमे पेश करता हु। जिसके बोल है “सुभान तेरी “

OmOmये भजन मेने  ब्लॉगमें लिखा है मगर  फिरसे  थोड़ा फेरफार करके लिखता हुँ આ ભજન જુના લોક કવી દાસી જીવણ નાં ભજન “કર મન ભજનનો વેપારજી ” એ ઢાળથી ગઈ શકાશે   . सुभान तेरी क़ुदरत पे क़ुरबानजी  क़ुदरतपे क़ुर्बान  देखि मैंने  सबमे तेरी शान  …सुभान तेरी   १ अजब गजबका देख तमाशा  होगया में हैरानजी अनसरका बना खिलौना  रामने फूंकी जान।   सुभान  तेरी  २ इस दुनियामे जब तू आया भूल गया भगवानजी कुस कपटसे माया बनाके हो गया तू धनवान। …. सुभान  तेरी  ३ रामको बाँदा जब तू भुला सरपे चढ़ा शैतानजी खरा बातो में जा जा करके  हो गया तू हैरान। …सुभन तेरी  ४ बूढ़ा हुवा कमज़ोर हुवा तब सहने पड़े  अपमानजी क़ज़ा आके लेजाएगी जब पड़ा रहा सामान। …सुभन तेरी   ५ पत्नी द्वारा सुत्ने छोड़ा छोड़ चला तेरा प्रान जी रिश्तेदारोंे फिर तुझको भेज दिया श्मशान। ।सुभन तेरी ६ कर साहबकी बंदगी प्यारे  छोड़ तेरा अभिमानजी आला ख्याल रख्खो तुम अपना  करो स्त्रीओका सनमान  …सुभान  तेरी ७ “आताश्री ” ने ये  भजन बनाकर  मनका  किया सनमानजी निजानन्दमे  जीवन बिताया  शुक्र  तेरा भगवान  …।सुभन तेरी  ८