Daily Archives: માર્ચ 26, 2015

કરી નો ત જો વિધિએ કામનીને રચી નો ત જો ચાંદની જામનીને

Shri-symbol.svg 2000px-Om.svg DSCN0075 કરી નો ત જો વિધિએ કામનીને   રચી નો ત જો  ચાંદની  જામનીને  ભરી નો ત જો  રૂપથી  ભામનીને ( તો તો પછી બાકી શું રહે  તો ભગવાંજ પહેરી લેવાં પડે અને  રામના  નામની માળા ફેરવવી પડે ) રટી હોત માળા  સદા  રામની મેં मै एक ग़ज़ल  आपकी  खिदमतमे  पेश करता हुँ हो सकता है की  इस गजलमे  गलतियां हो  . क्यों की मै कोई शायर  नही हूँ  और ग़ज़ल ख्वाँ भी नहीं  . तो मेरी गलती  आप कृपया  सुधार कर पढ़े कठिन  शब्दों के अर्थ भी में लिखूंगा   ये ग़ज़ल मै एक मेरी निखलस   दोस्त    जवाँ लडकीके  बारे में है  .  इसको आप मेरी गर्ल फ्रेंड  न समझना क्योकि अब मै गर्ल फ्रेंड  रखनेकी  उम्रका  नहीं हुँ  अब मेरी गर्ल फ्रेंड रखनेकी  हालते सर गुजस्त   लेकिन कभी उसको मै मेरी माशूक़  भी ख देता हु जैसे  सूफी खुदाको भी  माशूक  कहते है मुसीबतमे  हर इंसां को इलाही याद आता  है माशूक़ तू याद आती है  मुझे जब गम सताता है   १ निगाहे नाज़ तेरी  देख  दिल मसरूर  होता है पिता हुँ याद कर तुझको पानी अक्सीर होता है    २ तेरी तिरछी नज़रको  देख  दिल गुदाज़ होता है  जैसे  बरफोपे पड़ती  धुप और  पानी टपकता  है   3 तबस्सुम  देख कर तेरा दिल शादाब  होता है तेरी क़ातिल अदाएं पर दिल क़ुर्बान होता है   ४ परीशाँ ज़ुल्फ़क़ी सायामें  मुझको लुत्फ़ आता है जब आबे गुलगूँ देती हो  सुरूर तब आहि जाता है   ५ तू है एक नाज़नीं औरत  तेरा रूप हुरसा लगता है “आताई” देख कर तुझको  तसद्दुक  होही जाता है   ६

ગલતી = ભૂલ ///માશુક =પ્રેમિકા ///ગમ =દુ:ખ //નિગાહે નાજ =ચંચલ દ્રષ્ટિ //મસરુર=આનંદિત /// ગુદાજ =પિગળાવનાર //તબસ્સુમ = સ્મિત  ,મંદ હાસ્ય શાદાબ =હર્યું ભર્યું   //પરીશાં જુલ્ફ = અવ્યવસ્થિત   ,વિખ્રએલા  માથાના વાળ લુત્ફ = આનંદ ///આબેગુલગું= રક્ત વરણીય  મદિરા   ,લાલ રંગની  શરાબ સુરુર= હળવો નશો //નાજની= કોમલાંગી /// હુર = અપ્સરા //તસદ્દ્દુક= બલીદાન આપવા ઉત્સુક