Daily Archives: ઓગસ્ટ 18, 2013

આતાના એરિઝોનામાં કચરાનું પૂર !

સાભાર –  ડો. કનક રાવળ

मदिरालय , सूरा और सुन्दरी

DSCN0075DSCN0210DSCN0094मेरे प्यारे अज़ीज़ अहबाब के लिए  मई  आज इक गजल पेश करता हूँ इससे पहले  थोडा मतलब कहता हूँ उपरका #१  फोटू ये मय् खानके मालिक  अखिल कुवा  मिया बीबी है। बीबी साकिका काम करती है और मिया  पिरेमुगा है।  मई  जब शराब पिनेके लिए  मयखाने में दाखिल हुवा तो  मेरे लिए  भरे हुवे जाम लेकर  साकी और पिरे मोगा मेरी तःनात्मे खड़े हो गए। मुझे अपना प यमानासे पीनेकी आदत है मगर में मेरा पयमाना  लाना भू ल गया।  तो उसने मुझे ओक्से पिलाया  दुनियाके लोगोने  मुझे शराबी कह कर हडधुत किया तो  नीचेका फोटू वाली साकी अपने मयखाने ले गई  और मुझे कहा यहाँ आपको  सूरा और सुंदरी  दोनों मिलेंगे  और मुझे  उपरके   फोटू वाली जरद कपड़े वाली सुंदरी दिखाई। ये सुंदरी मुझे चिपट गई अब आपके लिए एक ग़ज़ल पेश करता हु जो “ब्रिदा बनक किशन कनैया ” गीतके ढंग से गाया जा सकेगा

साकी पिलादे आज तू मुझको  गमका मारा आया  हूँ

गमका मारा आया हूँ और रंज्से हारा आया  हूँ……………….साकी पिलादे

सिर्फ दो बूंद में पिलुन्गा और ज़ख्मे  जिगरको  सी लूँगा

कसम है तेरी ज्यादा पियु तो तोबा करके आया हूँ…………….साकी पिलादे

दैरो हरम में जाकर आया कहीं मिटा नहीं गम मेरा

जा पहुंचा जब म य खानेमे  साकिसे सुकू पाया हूँ…………….. साकी पिलादे

मयकश समझके मुझको यारो दुनियाने ठुकराया है

साकिने मयखाने बुलाया चैन वहा में पाया  हूँ…………………..साकी पिलादे

“आता “को मंजूर है पीना  रंजूर होना रास नहीं

आज पिलादे ओक्से साकी पैमाना नहीं लाया हूँ………………..साकी पिलादे