Daily Archives: ઓક્ટોબર 10, 2012

जब मुझ पर नजअका आलम हो

इतना तो करना यारब जब रूह बदनसे  निकले

साक़ी हो मय पिलाती  जब रूह बदनसे  निकले …..1

नजदिक मयकदा हो पैमानोकी सदाहो

ना कोई गदा हो जब रूह बदनसे  निकले ……2

सावनका महीना हो मदराकी  कमी ना हो

गुलफ़ाम हसीना  हो जब रूह बदन से निकले …3

“आता “कि है ये अरजी स्वीकार करना हरजी

प्रभु आपकी है फरजी  जब रूह बदनसे निकले …..4

अरे  तू शराबके नशेमें बकवास  करता है   ?परमेश्वरको उसकी फ़र्ज़  बताने वाला   तु कोन  होताहै ?