उर्दू गीत

उर्दू गीत
ये गीत  राजकपूर गाता है “मै दुनियामे  हरदम रोताही रहा हूँ ” इस कदर  गाया जा सकता है .
बुतखानेमे जाताहू बुतपरस्त नहीं  हूँ ,बुतपरस्त नहीं हूँ बुत शिकानभी नहीं  हूँ.
बुत शिकन को साथ कभी देता नहीं हूँ .बुतखाने में जाताहूँ बुतपरस्त नहीं हूँ १
चर्चो में जाता हूँ इसाई नहीं हूँ ईसाई नहीं हु इसुको मानताभी हूँ
दलील बाज़िमें  कभी उतराताभी नहीं हूँ……..बुत २
मसाजिदमें जाताहू मुसलमान नहीं हूँ .मुसलमान नहीं हूँ  बे ईमान नहीं हूँ
शेख नाकहेतो मसाजिदमे  जाता  नहीं हूँ ……बुत ३
अगियारीमें  जाने नहीं देते है गबरू  नहीं जाने देते गबरू वर्ना ज़रूर जाता हूँ
अगर जाता तो आतिषका साजिद होता हूँ …….बुत ४
आदाब करता  सबका किसी एकका नहीं हूँ  किसी एकका नहीं हूँ बरखिलाफ नहीं हूँ
मै दर्देदिल इंसान हूँ दरिंदा नहीं हूँ ………….बुत ५
मैं “अताई”   हूँ कोई अल्लामा  नहीं हूँ अल्लामा नहीं हूँ  ईल्म चाहता भी हूँ
मूत अल्लिम हूँ कोई मु अल्लिम  नहीं  हूँ…….बुत ६
बुतखाना =मंदिर
बुतपरस्त =मूर्तिपूजक
बुत शिकन =मूर्तितोडनेवाला
मसाजिद =मस्जिदों ,मस्जिद्का बहु वचन
अगियारी =पारासिओंका मंदर
गबरू = पारसी
आतिश =अग्नि
साजिद = प्रणाम करने वाला
आदाब =आदर
बरखिलाफ = विरोधी
दर्देदिल =जिसके ह्रदय में दया हो
दरिंदा =हिंसक पशु ,सिंह,बाघ ,चिताह वैगेरह
अल्लामा = श्रेष्ठ विद्वान्
ईल्म = विद्या
मूतअल्लिम =विद्यार्थी
मुअल्लिम = शिक्षक .मास्तर

5 responses to “उर्दू गीत

  1. સુરેશ જાની ડિસેમ્બર 28, 2011 પર 6:34 એ એમ (am)

    તમારી જોડે રહીને ઉર્દૂ શીખી જવાશે. પણ લીપી શીખવાડતા નહીં.
    જો શીખવાડશો, તો બધું જમણેથી ડાબે દેખાવા લાગશે !

    • aataawaani ડિસેમ્બર 28, 2011 પર 2:34 પી એમ(pm)

      ઉર્દુ લીપી લખવામાં ગોટાળા થઇ જાય મેં ગુજરાતી લીપી અને ઉર્દુ લીપી એક લાઈનમાં લખી એ બાબત તો મેં મારી જાતે મારો વાંહો થાબડી લીધો . કમ્પ્યુટર પાસે આ કામ કરાવવું અઘરું છે .  Ataai ~sacha hai dost hagiz juta ho nahi sakta   jal jaega sona firbhi kaalaa ho nahi sakta Teachers open door, But you must enter by yourself.

      ________________________________

  2. dhavalrajgeera ડિસેમ્બર 28, 2011 પર 8:55 એ એમ (am)

    आता,

    Now,learn to use key board which can convert from Gujarati to Hindi Urdu or English….
    Valibhai or Suresh can find some Guru!!!

    Rajendra Trivedi, M.D.
    http://www.bpaindia.org

  3. aataawaani ડિસેમ્બર 28, 2011 પર 2:26 પી એમ(pm)

    હું લખવા બેસું,
    ત્યારે ભગવાન પેલા મારો ગુરુ સુરેશ યાદ આવે છે.
    જરાક ભૂલ જેવું લાગેતો કંટાળ્યા વગર સુધારી લઉં છું.

  4. અશોક મોઢવાડીયા ડિસેમ્બર 29, 2011 પર 6:01 એ એમ (am)

    ’मैं “अताई” हूँ कोई अल्लामा नहीं हूँ अल्लामा नहीं हूँ ईल्म चाहता भी हूँ
    मूत अल्लिम हूँ कोई मु अल्लिम नहीं हूँ…’ —

    વાહ આતા વાહ ! આજીવન વિદ્યાર્થી ! કોઈકે કહેલું તે અર્થનું યાદ આવ્યું કે;
    ’હું કશું જ જાણતો નથી એટલું કહેવા માટે જગતભરનું જ્ઞાન મેળવવું પડે છે !’ વિદ્યા વિનયથી શોભે એ આ શેરમાં આતાએ બતાવી આપ્યું. આભાર.

आपके जैसे दोस्तों मेरा होसला बढ़ाते हो .मै जो कुछ हु, ये आपके जैसे दोस्तोकी बदोलत हु, .......आता अताई

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