Daily Archives: ડિસેમ્બર 28, 2011

उर्दू गीत

उर्दू गीत
ये गीत  राजकपूर गाता है “मै दुनियामे  हरदम रोताही रहा हूँ ” इस कदर  गाया जा सकता है .
बुतखानेमे जाताहू बुतपरस्त नहीं  हूँ ,बुतपरस्त नहीं हूँ बुत शिकानभी नहीं  हूँ.
बुत शिकन को साथ कभी देता नहीं हूँ .बुतखाने में जाताहूँ बुतपरस्त नहीं हूँ १
चर्चो में जाता हूँ इसाई नहीं हूँ ईसाई नहीं हु इसुको मानताभी हूँ
दलील बाज़िमें  कभी उतराताभी नहीं हूँ……..बुत २
मसाजिदमें जाताहू मुसलमान नहीं हूँ .मुसलमान नहीं हूँ  बे ईमान नहीं हूँ
शेख नाकहेतो मसाजिदमे  जाता  नहीं हूँ ……बुत ३
अगियारीमें  जाने नहीं देते है गबरू  नहीं जाने देते गबरू वर्ना ज़रूर जाता हूँ
अगर जाता तो आतिषका साजिद होता हूँ …….बुत ४
आदाब करता  सबका किसी एकका नहीं हूँ  किसी एकका नहीं हूँ बरखिलाफ नहीं हूँ
मै दर्देदिल इंसान हूँ दरिंदा नहीं हूँ ………….बुत ५
मैं “अताई”   हूँ कोई अल्लामा  नहीं हूँ अल्लामा नहीं हूँ  ईल्म चाहता भी हूँ
मूत अल्लिम हूँ कोई मु अल्लिम  नहीं  हूँ…….बुत ६
बुतखाना =मंदिर
बुतपरस्त =मूर्तिपूजक
बुत शिकन =मूर्तितोडनेवाला
मसाजिद =मस्जिदों ,मस्जिद्का बहु वचन
अगियारी =पारासिओंका मंदर
गबरू = पारसी
आतिश =अग्नि
साजिद = प्रणाम करने वाला
आदाब =आदर
बरखिलाफ = विरोधी
दर्देदिल =जिसके ह्रदय में दया हो
दरिंदा =हिंसक पशु ,सिंह,बाघ ,चिताह वैगेरह
अल्लामा = श्रेष्ठ विद्वान्
ईल्म = विद्या
मूतअल्लिम =विद्यार्थी
मुअल्लिम = शिक्षक .मास्तर